9 .  Ye Kya Ho Raha Hai 
     ये क्या हो रहा है।


ये क्या हो रहा है,
ये क्या हो रहा है,
खेल रही है कुदरत,
इंसान रो रहा है।

एक बंदा ही है,
जो बंदा नहीं बनता,
बिन सोचे समझे,
जो चाहे बो रहा है।


आज आँखें नम हैं,
सीने में गम है,
कोई बंद है पिंजरे में,
और आराम से सो रहा है।


बर्बरता थी पसरी पहले,
अराजकता थी चहुँ और,
आज इन्सनियत की तरफ,
कदम हो रहा है।



















Post a Comment

0 Comments